जबलपुर
यदि सब कुछ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मंशानुरूप हुआ तो जल्द ही जबलुपर जेल भी अंडमान निकोवार के सावरकर जेल की तर्ज पर सुभाष तीर्थ के रूप में विकसित होगा। स्वतंत्रता के अमर सैनानी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर उनकी बैरक में उन्हें पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उक्ताशय की मंशा जताई। शनिवार को जबलपुर आए मुख्यमंत्री ने यहां 238 करोड़ के विकास कार्यों का पूजन किया। उन्होंने दावा किया कि जबलपुर को विकास के पंख लगेंगे।

जेल परिसर में सीएम ने कहा कि जबलपुर न सिर्फ ऐतिहासिक बल्कि प्रेरणादायी भी है। यहां दो-दो बार सुभाष चंद्र बोस रहे हैं। जेल में उनके द्वारा लिखा गया पत्र सुरक्षित है। उस समय स्वतंत्रता सैनानियों को लगार्इं जाने वाली हथकड़ियां-बेड़िया, कोल्हू ओर फांसी देने का अभ्यास करने वाला लकड़ी का पुतला सहित अनेक चीजें ऐसी हैं, जो यादगार हैं। सुभाष बाबू को प्रणाम करते वक्त मेरे मन में ये विचार आया कि इस जेल को आजाद तीर्थ के रूप में विकसित किया जाए। जिस तरह अंडमान में लोग जाकर वीर वावरकर को प्रणाम करते हैं, उसी तरह जबलपुर आकर सुभाष बाबू के दर्शन करें। इसके लिए यहां उनके जीवन पर आधारित चित्रकथा, डाक्यूमेंट्री फिल्म बनाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों से चर्चा के बाद मैं इसे अंतिम रूप देना चाहूंगा।

इसके बाद मुख्यमंत्री ने जबलपुर में विकास की कई योजनाओं का शुभारंभ किया। इसमें 148 करोड़ की अमृतम जलम, स्मार्ट सिटी के 31 करोड़ की रोड फेस-टू, 14 करोड़ का चौराहा उन्नयन, 7.5 करोड़ का एनएमटी फेस-वन, 13 करोड़ की एमआर फोर रोड, 3.85 करोड़ का डुमना नेचर पार्क में रिजर्व फेस वन, 9.66 करोड़ का रानीताल मेंं संग्राहित कचरे का जैविक उपचार प्रोजक्ट और 10 करोड़ की भंवरताल पार्क में पार्किंग आदि कार्य शामिल हैं। गोलबाजार शहीद स्मारक मैदान पर आयोजित समारोह में उन्होंने हितग्राही मूलक योजनाओं के तहत हितग्राहियों को लाभ वितरित किया और और विकास कार्य की प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का आगमन दोपहर को हुआ। विमानतल से वे सीधे ग्राम मेहगंवा के चौधरी मोहल्ला के अशोक चौधरी के निवास पर पहुंचे। यहां उन्होंने अशोक की पत्नी माला चौधरी द्वारा बनाई गई भजिया और पोहा खाया। उनके साथ नास्ता करने वाले सांसद राकेश सिंह ओर विधायक अशोक रोहाणी से सीएम ने कहा कि नास्ता तो बहुत अच्छा है, चाय की और हो जाये। इसके बाद सीएम ने चाय भी पियी। 42 वर्षीय अशोक ट्रक ड्रायवर है। उसकी पत्नी छोटी सी दुकान चलाकर परिवार का भरण पोषण करती है। मुख्यमंत्रीने उनके बच्चों के साथ वार्ता भी की।

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